क्या हिमाचल सरकार फ्लोर टेस्ट में असफल होगी: कांग्रेस में उठ रहा घमासान | Kisan Satta



हिमाचल प्रदेश की राजनीति में उतार-चढ़ाव बढ़ता जा रहा है, जबकि सरकार के स्थिरता के सवाल पर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करके अपने ही प्रत्याशी को हरा दिया, जिससे सरकार को बड़ा झटका लगा है।

यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि क्या हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ जाएगी। विपक्ष का दावा है कि सरकार की असमर्थता का संकेत इस घटना से मिलता है, जबकि सरकारी तथाकथित सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री के साथ विधायकों के बीच नाराजगी की भावना प्रचलित है।

समय की गहराई में, हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक हलचल बढ़ रही है, और फ्लोर टेस्ट के लिए सरकार को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इस विपक्षी वोटिंग के बावजूद, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने आत्मविश्वास के साथ फ्लोर टेस्ट का सामना करने का ऐलान किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने सदैव जनता के हित में काम किया है, और हमारी सरकार उन्हीं के लिए है। हमारी सरकार ने विकास और कल्याण के क्षेत्र में बड़े कदम उठाए हैं, और हम उसी मार्ग पर आगे बढ़ेंगे।" उन्होंने कहा कि भाजपा सदैव नकारात्मक राजनीति करती है और इसका सबक लेना चाहिए।

मुख्यमंत्री के इस बयान के बावजूद, विपक्ष की ओर से सरकार के खिलाफ आलोचनाएँ बढ़ रही हैं, और अगले कुछ दिनों में एक महत्वपूर्ण फ्लोर टेस्ट की प्रतीक्षा है। जनता अब देखना चाहेगी कि क्या सरकार इस मामले में अपना मुँह बचा पाती है या फिर उसे एक नया मोड़ देखना पड़ेगा।

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